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भारतीय सेना रिटायरमेंट के बाद अपने कुत्तों को क्यों मार देती है गोली

आप और हम बचपन से ही ये बात सुनते आए हैं की इस दुनिया में सबसे ज्यादा वफादार अगर कोई होता है तो वो कुत्ता होता है बेशक कुत्ते बेज़ुवान जानवर होते हैं लेकिन इसके बाद भी कुत्तों से ज्यादा वफादार इंसान भी नही होते इंसान अपना हो या पराया वक्त आने पर अपने अपनों को भी स्वार्थ के लिए धोखा देने से नही चूकता लेकिन कुत्ते बुरे से बुरे वक्त में भी अपने मालिक का साथ कभी नही छोड़ते यही वजह है की देश की सुरक्षा के लिए इंसानों के साथ-साथ कुत्तों की भी भर्ती की जाती है और उन्हें बाकायदा ट्रेनिंग भी दी जाती है।

भारतीय सेना में ये कुत्ते किसी देश भक्त से कम नही होते और मुश्किल वक्त में सेना की पूरी मदद करते हैं कुत्तों में किसी भी आने वाले खतरे को दूर से ही महसूस कर लेने और सूंघने के अदभूत शक्ति होती है यही वजह है की भारतीय सुरक्षा सेना आर्मी में इन कुत्तों को इंसानों की तरह ही कड़ी ट्रेनिंग देती है इतना ही नही बीमार होने पर इन कुत्तों का बाकयदा इलाज भी किया जाता है और इन्हें हर मुमकिन सुविधा दी जाती है।

एक उचित उम्र पार करने के बाद ये कुत्ते रिटायर हो जाते हैं लेकिन रिटायरमेंट के बाद इन कुत्तों को खुला छोड़ देने या किसी को दे देने कि बजाय गोली मार दी जाती है। इसके अलावा रिटायरमेंट से पहले भी कभी-कभी इन कुत्तों को गोली इस लिए भी मार दी जाती है कि ये कुत्ते बिमार पड़ने पर इलाज के बाद भी ठीक नही होते जिसके चलते इन्हें बाहर नही छोड़ा जा सकता और ना ही  काफी लंबे समय तक इन्हें  साथ रखा जा सकता है । सेना के जवान इन कुत्तों को गोली इस लिए मारते हैं ताकी कोई सुरक्षा के लिहाज़ से इनके माध्यम से सेना के खुफिया जगहों के बारे में पता ना लगा सके। सेना के जवान  देश की सुरक्षा के लिहाज़ से ऐसा कदम उठाते हैं क्योंकि इन कुत्तों को सेना से संबंधी जगहों की पूरी जानकारी होती है। और कोई इन्हें पकड़ कर इनका गलत इस्तेमाल कर सकता है।

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